प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(PMFBY), जानेंगे आप तो मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की फसलों से जुड़े हुए जोखिमों की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई करने का माध्यम है। योजना में प्राकृतिक आपदाओं, रोगों, कृमियों से क्षति की स्थिति में कृषकों को बीमा कवर के रूप में वित्तीय सहायता का प्रावधान है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कब शुरू की गई?

इस योजना की शुरुआत 18 फरवरी 2016 को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। 2016 में 21 राज्यों के द्वारा खरीफ मौसम में इसे लागू किया गया था।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कौन-कौन से जोखिम शामिल हैं?                                    

1.बुवाई ना कर पाने/ असफल अंकुरण जोखिम -

बीमित क्षेत्र में कम वर्षा तथा प्रतिकूल मौसम दशाओं के कारण बुवाई न कर पाने, बुवाई के उपरांत अंकुरण ना होने से हुई, हानि से सुरक्षा प्रदान करता है। प्रतिकूल मौसमी स्थितियों से ग्राम पंचायत में 75% से अधिक क्षेत्र में फसलों की बुवाई ना कर पाने या असफल बुवाई की स्थिति में उत्पादन लागत में व्यय के अनुरूप कृषक को बीमित राशि का अधिकतम 25 % क्षतिपूर्ति देय होती है । उपरोक्त्त स्थिति में फसलों की क्षति पूर्ति का आकलन ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाता है।

2.खड़ी फसल ( बुवाई से  फसल कटाई तक ) - 

खड़ी फसल में प्राकृतिक आपदाओं सूखा अथवा शुष्क स्थिति, बाढ़, ओला, भूस्खलन, तूफान, चक्रवात, जलभराव आकाशीय बिजली से उत्पन्न आग एवं रोके ना जा सकने वाले अन्य जोखिमों, रोगों, क्रीमियो से क्षति की स्थिति में सुरक्षा प्रदान करता है। फसल की मध्य अवस्था तक ग्राम पंचायत में 50 % से अधिक उपज में क्षति की स्थिति में कृषकों को संभावित क्षतिपूर्ति का अधिकतम 25% तक आंशिक क्षतिपूर्ति तात्कालिक सहायता के रूप में प्रदान की जाती है। 

3.फसल कटाई के उपरांत नुकसान -   

फसल कटाई के उपरांत आगामी 14 दिनों तक खेत में सुखने हेतु रखी गई फसल को ओलावृष्टि, चक्रवात बेमौसम वर्षा से क्षति की स्थिति में संरक्षण प्रदान करता है। इस स्थिति में फसलों की क्षति का आकलन व्यक्तिगत स्तर पर किया जाता है।

4.स्थानीय आपदाएं -   

 योजना  के तहत स्थानीय कृत जोखिमों आपदाओं यथा ओलावृष्टि भूस्खलन, जलभराव, बादल फटने तथा अधिसूचित इकाई अथवा खेत के किसी हिस्से पर बिजली गिरने के कारण प्राकृतिक आग लगने से फसल को होने वाले नुकसान को वैक्तिगत किसानों के खेत के स्तर पर बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है।

फसल बीमा कौन करवा सकता है?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऋणी एवं गैर ऋणी किसानों हेतु स्वैच्छिक आधार पर लागू की गई है। ऋणी किसानो हेतु योजना ऑप्ट आउट मोड पर लागू है ,  वह चाहे तो इस योजना से बाहर हो सकते हैं। इसके लिए ऋणी किसान को बीमा कराने की अंतिम तिथि के 7 दिन पहले तक योजना में प्रतिभाग नहीं करने के संबंध में बैंक को लिखित रूप से प्रार्थना पत्र देना आवश्यक है । अगर किसान भाई ऐसा नहीं करते है, तो अधिसूचित फसलों पर लिए गए फसली ऋण पर नियमानुसार प्रीमियम की कटौती की जाएगी। इसके अलावा यदि ऋणी किसान बीमित फसल में परिवर्तन कराना चाहते है, तो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि से 2 दिन पूर्व तक इसकी सूचना संबंधित बैंक शाखा में देखकर अपनी फसल में परिवर्तन करवा सकते हैं। इसके अलावा बटाईदार किसान भी इस योजना के पात्र है।

गैर ऋणी किसान फसल बीमा कैसे ले सकते हैं?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा प्राप्त करने के इच्छुक कृषक अपनी निकटतम बैंक शाखा बीमा कंपनी के एजेंट/ निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर/ सीधे बीमा कंपनी अथवा फसल बीमा पोर्टल www.pmfby.gov.in पर स्वयं ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर कर बीमा करवा सकते हैं।    

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु आवश्यक दस्तावेज -  

  • भूमि संबंधी दस्तावेज (अधिकार का रिकॉर्ड और भूमि कब्जा प्रमाण पत्र)
  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • फसल बुवाई प्रमाण पत्र
  • अनुबंध संबंधी दस्तावेज ( बटाईदार किसान की स्थिति में )

कौन-कौन से फसल पर बीमा प्राप्त कर सकते हैं?

किसान भाई अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसलों के बीमा का लाभ उठा सकते है। इस योजना के अंतर्गत खरीफ में धान, ज्वार, बाजरा मक्का, उरद, मूंग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन व तिल तथा रबी में गेहूं जौ, चना,मटर,लाही, सरसों, अलसी, आलु का बीमा करवाया जा सकता है।

किसानों द्वारा देय प्रीमियम क्या है?

खरीफ मौसम के लिए प्रीमियम बीमित राशि का 2%, रबी मौसम के लिए बीमित राशि का 1.5% तथा नकदी फसल हेतु बीमित राशि का 5% रखा गया है। कृषक अंश के अतिरिक्त प्रीमियम की धनराशि को केंद्र-राज्य सरकार द्वारा बराबर बराबर वाहन किया जाएगा।

बीमा कवरेज हेतु निर्धारित तिथियां -

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसान भाई खरीफ मौसम में दिनांक 31 जुलाई तथा रबी मौसम में 31 दिसंबर तक अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं।

फसल नुकसान से संबंधित सूचना दर्ज करने की प्रक्रिया -

प्रभावित बीमित किसान को आपदा के 72 घंटे के अंदर सीधे बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर या क्रॉप इंश्योरेंस एप पर अथवा लिखित में अपने बैंक या कृषि विभाग के अधिकारियों के माध्यम से सूचित करवाना आवश्यक है। जिसमें किसान का नाम, मोबाइल नंबर ,अधिसूचित पटवार सर्किल, बैंक का नाम बैंक,खाता संख्या, आपदा का प्रकार, प्रभावित फसल आदि की सूचना अंकित होनी चाहिए।

किसान कॉल सेंटर टोल फ्री नंबर - 18 00 180 15 51

फसल बीमा हेतु अधिकृत बीमा कंपनियां -

खरीफ व रबी मौसम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत भारत की कृषि बीमा कंपनी (AIC)और कुछ निजी बीमा कंपनी को अधिकृत किया गया है। योजना में शामिल वर्तमान बीमा कंपनियां -                                 
  •  एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि0
  • एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
  •  इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
  •  यूनिवर्सल सोमपू जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
  • आईसीआईसीआई लोंबारड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
  • चोलामंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
  • बजाज एलाइंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
  • रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
  • फ्यूचर जनरल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
  • टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
  • एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड

Comments

  1. महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए धन्यवाद

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